Nazam Poetry (page 83)
इन लोगों से ख़्वाबों में मिलना ही अच्छा रहता है
मुनीर नियाज़ी
हुस्न में गुनाह की ख़्वाहिश
मुनीर नियाज़ी
हक़ीक़त
मुनीर नियाज़ी
हमेशा देर कर देता हूँ
मुनीर नियाज़ी
गुज़रगाह पर तमाशा
मुनीर नियाज़ी
एक लड़की
मुनीर नियाज़ी
इक और घर भी था मिरा
मुनीर नियाज़ी
दुश्मनों के दरमियान शाम
मुनीर नियाज़ी
दूरी
मुनीर नियाज़ी
देखने वाले की उलझन
मुनीर नियाज़ी
डराए गए शहरों के बातिन
मुनीर नियाज़ी
छै रंगीं दरवाज़े
मुनीर नियाज़ी
बेबसी
मुनीर नियाज़ी
बाज़गश्त
मुनीर नियाज़ी
अपने घर में
मुनीर नियाज़ी
अब मैं उसे याद बना देना चाहता हूँ
मुनीर नियाज़ी
आमद-ए-शब
मुनीर नियाज़ी
आख़िरी उम्र की बातें
मुनीर नियाज़ी
ज़िंदगी चेहरा माँगती है
मुनीर अहमद फ़िरदौस
वक़्त एक कहानी-कार
मुनीर अहमद फ़िरदौस
वलअस्र...
मुनीर अहमद फ़िरदौस
निगार-ख़ाना
मुनीर अहमद फ़िरदौस
नया सज्दा
मुनीर अहमद फ़िरदौस
मंज़र से बिछड़ने का कर्ब
मुनीर अहमद फ़िरदौस
हम क्यूँ लिखते हैं....?
मुनीर अहमद फ़िरदौस
हनूत चेहरे
मुनीर अहमद फ़िरदौस
एक मंज़र आसमाँ जैसा
मुनीर अहमद फ़िरदौस
धुँदला लम्हा
मुनीर अहमद फ़िरदौस
दराड़
मुनीर अहमद फ़िरदौस
चोरी-शुदा ख़्वाब की तलाश
मुनीर अहमद फ़िरदौस