Nazam Poetry (page 82)
तिलिस्मात
मुनीर नियाज़ी
शब-ख़ूँ
मुनीर नियाज़ी
सपना आगे जाता कैसे
मुनीर नियाज़ी
सपेरा
मुनीर नियाज़ी
साए
मुनीर नियाज़ी
सदा ब-सहरा
मुनीर नियाज़ी
रात की अज़िय्यत
मुनीर नियाज़ी
पहली बात ही आख़िरी थी
मुनीर नियाज़ी
पागल-पन
मुनीर नियाज़ी
निगार-ख़ाना
मुनीर नियाज़ी
नई महफ़िल में पहली शनासाई
मुनीर नियाज़ी
मिलन की रात
मुनीर नियाज़ी
मेरे दुश्मन की मौत
मुनीर नियाज़ी
मौत
मुनीर नियाज़ी
मौसम-ए-सरमा की बारिश का ये पहला रोज़ है
मुनीर नियाज़ी
मैं, वो और रात
मुनीर नियाज़ी
मैं और वो
मुनीर नियाज़ी
मैं और शहर
मुनीर नियाज़ी
मैं और मेरा ख़ुदा
मुनीर नियाज़ी
मैं और बादल
मुनीर नियाज़ी
मैं
मुनीर नियाज़ी
कोई ओझल दुनिया है
मुनीर नियाज़ी
ख़्वाहिश के ख़्वाब
मुनीर नियाज़ी
ख़ुदा को अपने हम-ज़ाद का इंतिज़ार
मुनीर नियाज़ी
ख़ूब-सूरत ज़िंदगी को हम ने कैसे गुज़ारा
मुनीर नियाज़ी
ख़लिश
मुनीर नियाज़ी
कल्पना
मुनीर नियाज़ी
जादूगर
मुनीर नियाज़ी
जादू का खेल
मुनीर नियाज़ी
इशारे
मुनीर नियाज़ी