Nazam Poetry (page 60)
लाल बैग उड़ गया
रफ़ीक़ संदेलवी
ख़्वाब मज़दूर है
रफ़ीक़ संदेलवी
कहीं तुम अबद तो नहीं हो
रफ़ीक़ संदेलवी
झिलमिलाती हुई नींद सुन
रफ़ीक़ संदेलवी
जाओ अब रोते रहो
रफ़ीक़ संदेलवी
गुम्बद-नुमा शफ़्फ़ाफ़ शीशा
रफ़ीक़ संदेलवी
ग़ार में बैठा शख़्स
रफ़ीक़ संदेलवी
एक ज़ंजीर-ए-गिर्या मिरे साथ थी
रफ़ीक़ संदेलवी
दर्द होता है
रफ़ीक़ संदेलवी
केक का एक टुकड़ा
रफ़ीक़ संदेलवी
बुरादा उड़ रहा है
रफ़ीक़ संदेलवी
बीज अंदर है
रफ़ीक़ संदेलवी
बड़ा पुर-हौल रस्ता था
रफ़ीक़ संदेलवी
बड़ा चक्कर लगाएँ
रफ़ीक़ संदेलवी
अजीब मा-फ़ौक़ सिलसिला था
रफ़ीक़ संदेलवी
अजब पानी है
रफ़ीक़ संदेलवी
अभी वक़्त है लौट जाओ
रफ़ीक़ संदेलवी
मुसाफ़िर-ए-शब
राबिया पिन्हाँ
यूँ ही सही
क़ाज़ी सलीम
याद
क़ाज़ी सलीम
वायरस
क़ाज़ी सलीम
तुम अगर रुकते
क़ाज़ी सलीम
टूरिस्ट
क़ाज़ी सलीम
साँसों की पैग़म्बरी
क़ाज़ी सलीम
रुस्तगारी
क़ाज़ी सलीम
नज़्म कहने के बा'द
क़ाज़ी सलीम
नई नस्ल
क़ाज़ी सलीम
मुक्ती
क़ाज़ी सलीम
मोहब्बत
क़ाज़ी सलीम
मैं ने देखा
क़ाज़ी सलीम