Nazam Poetry (page 54)
अल्फ़ाज़ की विलादत
सादिक़
अल्फ़ाज़ अल्फ़ाज़ ही हैं
सादिक़
तेरी याद मेरी भूल
साबिर दत्त
तन्हाई
साबिर दत्त
ख़्वाब
साबिर दत्त
फ़नकार
साबिर दत्त
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
साबिर दत्त
और मोड़ ने कहा
साबिर दत्त
अजनबी
साबिर दत्त
आज की रात
साबिर दत्त
बे-ख़याली में तख़्लीक़
सबीला इनाम सिद्दीक़ी
बस अना को बहाल रखना है
सबीला इनाम सिद्दीक़ी
अदाकार चेहरे
सबीला इनाम सिद्दीक़ी
क़तरा क़तरा तिश्नगी
सबा इकराम
एक मशवरा
सबा इकराम
आशियाँ ढूँढती है
सबा इकराम
उदास मौसम के रतजगों में
सादुल्लाह शाह
मोम पिघलाता रहा तेरा ख़याल
रुख़साना नूर
बीवी के हुज़ूर
रूही कंजाही
वीनस
रियाज़ लतीफ़
वीरान ख़्वाहिश
रियाज़ लतीफ़
उस पार
रियाज़ लतीफ़
सवेरा
रियाज़ लतीफ़
साबुन
रियाज़ लतीफ़
ना-मुकम्मल तआरुफ़
रियाज़ लतीफ़
मुस्तक़बिल की आँख
रियाज़ लतीफ़
माज़रत
रियाज़ लतीफ़
ख़ला-नवर्दी
रियाज़ लतीफ़
हिजरत
रियाज़ लतीफ़
गाए
रियाज़ लतीफ़