Nazam Poetry (page 42)
हमारे लिए सुब्ह के होंट पर बद-दुआ' है
सरमद सहबाई
एक वजूदी दोस्त के नाम
सरमद सहबाई
ढोल का पोल
सरमद सहबाई
नज़्म
सरफ़राज़ ख़ालिद
पागल लड़की
सरफ़राज़ शाहिद
मोटर-रिक्शा
सरफ़राज़ शाहिद
ख़बर है मेरी रुस्वाई की
सरफ़राज़ शाहिद
जश्न-ए-आज़ादी
सरफ़राज़ शाहिद
जहाँ सुल्ताना पढ़ती थी
सरफ़राज़ शाहिद
जदीद-तरीन आदमी-नामा
सरफ़राज़ शाहिद
डॉज-महल
सरफ़राज़ शाहिद
दफ़्तर-ए-शादी का मुन्तज़िम
सरफ़राज़ शाहिद
शायद मिट्टी मुझे फिर पुकारे
सारा शगुफ़्ता
शैली बेटी के नाम
सारा शगुफ़्ता
साए की ख़ामोशी
सारा शगुफ़्ता
क़र्ज़
सारा शगुफ़्ता
परिंदे की आँख खुल जाती है
सारा शगुफ़्ता
परिंदा कमरे में रह गया
सारा शगुफ़्ता
मौत की तलाशी मत लो
सारा शगुफ़्ता
ख़ाली आँखों का मकान
सारा शगुफ़्ता
कैसे टहलता है चाँद
सारा शगुफ़्ता
दूसरा पहाड़
सारा शगुफ़्ता
चराग़ जब मेरा कमरा नापता है
सारा शगुफ़्ता
चाँद का क़र्ज़
सारा शगुफ़्ता
बदन से पूरी आँख है मेरी
सारा शगुफ़्ता
ऐ मेरे सर-सब्ज़ ख़ुदा
सारा शगुफ़्ता
आतिश-दान
सारा शगुफ़्ता
आँखें दो जुडवाँ बहनें
सारा शगुफ़्ता
आधा कमरा
सारा शगुफ़्ता
ज़िंदा पानी सच्चा
साक़ी फ़ारुक़ी