Nazam Poetry (page 26)
अगर मैं हँस पड़ूँ
सुलतान सुबहानी
ये हाथ
सुलैमान अरीब
तुम्हें क्या?
सुलैमान अरीब
तुम किस से मिलने आए हो
सुलैमान अरीब
तस्कीन-ए-अना
सुलैमान अरीब
क़ातिल-ए-बे-चेहरा
सुलैमान अरीब
मैं ख़ुद से मायूस नहीं हूँ
सुलैमान अरीब
ला-यानियत
सुलैमान अरीब
इरफ़ान
सुलैमान अरीब
इबलाग़
सुलैमान अरीब
एक हुज़्निया
सुलैमान अरीब
डीप-फ़्रीज़
सुलैमान अरीब
आख़िरी लफ़्ज़ पहली आवाज़
सुलैमान अरीब
ज़र्द-चमेली
सूफ़िया अनजुम ताज
बहार का क़र्ज़
सूफ़िया अनजुम ताज
ऐ हमराज़
सूफ़िया अनजुम ताज
तुम आसमाँ की तरफ़ न देखो
सूफ़ी तबस्सुम
तंहाई
सूफ़ी तबस्सुम
नज़्म
सूफ़ी तबस्सुम
मैं आ रहा हूँ
सूफ़ी तबस्सुम
ख़ुद-कुशी
सूफ़ी तबस्सुम
चंद रोज़ और मिरी जान फ़क़त चंद ही रोज़
सूफ़ी तबस्सुम
बंद हो जाए मिरी आँख अगर
सूफ़ी तबस्सुम
अजनबी ख़त-ओ-ख़ाल
सूफ़ी तबस्सुम
सीलन
सुबोध लाल साक़ी
रत-जगे
सुबोध लाल साक़ी
मुझ को आज न सोने देना
सुबोध लाल साक़ी
मुझे मालूम है
सुबोध लाल साक़ी
मेरे अंदर
सुबोध लाल साक़ी
मैं किसी कोने में
सुबोध लाल साक़ी