Nazam Poetry (page 160)
बम्बई की एक पुरानी शाम
अब्दुल अहद साज़
औज-बिन-उनुक़
अब्दुल अहद साज़
अलविदा
अब्दुल अहद साज़
आवाज़ के मोती
अब्दुल अहद साज़
आरज़ू
अब्दुल अहद साज़
वो हँसती है तो उस के हाथ रोते हैं
अब्बास ताबिश
उसे मैं ने नहीं देखा
अब्बास ताबिश
परों में शाम ढलती है
अब्बास ताबिश
पागल
अब्बास ताबिश
मुझे रस्ता नहीं मिलता
अब्बास ताबिश
अँदेशा-ए-विसाल की एक नज़्म
अब्बास ताबिश
अधूरी नज़्म
अब्बास ताबिश
अभी उस की ज़रूरत थी
अब्बास ताबिश
ज़मीन उन के लिए फूल खिलाती है
अब्बास अतहर
चुप-चाप गुज़र जाओ
अब्बास अतहर
अपने अपने सूराख़ों का डर
अब्बास अतहर
वफ़ा और इश्क़ के रिश्ते बड़े ख़ुश-रंग होते हैं
आज़िम कोहली
नसरी नज़्म
आसी रिज़वी
वापसी
आशुफ़्ता चंगेज़ी
तय-शुदा मौसम
आशुफ़्ता चंगेज़ी
शनासा आहटें
आशुफ़्ता चंगेज़ी
सहीह कह रहे हो
आशुफ़्ता चंगेज़ी
क़िस्सा-गो
आशुफ़्ता चंगेज़ी
परछाइयाँ पकड़ने वाले
आशुफ़्ता चंगेज़ी
पहला ख़ुत्बा
आशुफ़्ता चंगेज़ी
नजात
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ख़ुदा की जगह ख़ाली है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
फ़रियादी मातम
आशुफ़्ता चंगेज़ी
धुआँ उठ रहा है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
दयार-ए-ख़्वाब
आशुफ़्ता चंगेज़ी