नय्यर सुल्तानपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नय्यर सुल्तानपुरी
नाम | नय्यर सुल्तानपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nayyar Sultanpuri |
सीने पे कितने दाग़ लिए फिर रहा हूँ मैं
पहुँचा न था यक़ीन की मंज़िल पे मैं अभी
दी है 'नय्यर' मुझ को साक़ी ने ये कैसी ख़ास मय
बढ़ने लगी यक़ीन ओ गुमाँ में जो कश्मकश
सीने पे कितने दाग़ लिए फिर रहा हूँ मैं
शिकवा जो मेरा अश्क में ढलता चला गया
ख़ैर लाया तो जुनूँ दीवार से दर की तरफ़
दिल ही तो है निगाह-ए-करम से पिघल गया