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जो बात मनअ' की है उसे कहिए क्यूँ - नैन सुख कविता - Darsaal

जो बात मनअ' की है उसे कहिए क्यूँ

जो बात मनअ' की है उसे कहिए क्यूँ

जो शय कि हराम हैगी उसे खइए क्यूँ

खोटा हो अगर दाम ही अपना यारो

सर्राफ़ को फिर ऐब अबस लइए क्यूँ

ख़तरा है सरीह जी का समझ देख तो जी में

जो राह कि मरते हों उधर जइए क्यूँ

जिस बस्ती में इंसाफ़ का कहीं नाम न होवे

उस बस्ती में फिर फ़े'ल-ए-अबस रहिए क्यूँ

बात अपनी पेश न जाती होवे

बे-फ़ाइदा फिर बोलना वहाँ चहिए क्यूँ

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In Hindi By Famous Poet Nayan Sukh. is written by Nayan Sukh. Complete Poem in Hindi by Nayan Sukh. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.