तेग़ अपनी जगह दार अपनी जगह
तेग़ अपनी जगह दार अपनी जगह
और हक़ीक़त का इज़हार अपनी जगह
अब खंडर है खंडर ही कहो दोस्तो
शीश-महलों के आसार अपनी जगह
तूर पर लाख मूसा से हो गुफ़्तुगू
अर्श-ए-आज़म पे दीदार अपनी जगह
अव्वलन हक़ ने तख़्लीक़ जिस को किया
सब के बा'द उस का इज़हार अपनी जगह
मुख़्तसर ये बता सर-ब-कफ़ कौन था
जीत अपनी जगह हार अपनी जगह
भाई से भाई के कुछ तक़ाज़े भी हैं
सहन के बीच की दीवार अपनी जगह
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