Ghazals of Nawaz Asimi
नाम | नवाज़ असीमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nawaz Asimi |
जन्म की तारीख | 1986 |
था अजब सेमिनार का मौसम तब्सिरे हो रहे थे हर फ़न पर
तिरे मस्लक में क्या इतना भी समझाया नहीं जाता
तमाम अब्र पहाड़ों पे सर पटकते रहे
तह-ए-मज़ार कौन है सर-ए-मज़ार कौन था
क़सम ख़ुदा की बुलंदी से गुफ़्तुगू करते
नतीजा देखिए कुछ दिन में क्या से क्या निकल आया
न रौंदो काँच सी राहें हमारी
मुग़ालता है उरूज-ओ-ज़वाल थोड़ी है
मोम सिफ़त लोगों ने मेरा हँस के तमाशा देखा तो
ख़तर हवा-ए-मुख़ालिफ़ का दरमियान में था
जुनूँ पे छोड़ दी अब सारी ज़िंदगी मैं ने
हवा के ज़ोर से जब बादबान फटने लगे
ब-ज़ाहिर तो तनावर दिख रहे हैं