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पी के गिरने का है ख़याल हमें - नवाब ज़ियाउद्दीन ख़ाँ रख़्शां कविता - Darsaal

पी के गिरने का है ख़याल हमें

पी के गिरने का है ख़याल हमें

साक़िया लीजियो सँभाल हमें

शब न आए जो अपने वा'दे पर

गुज़रे क्या क्या न एहतिमाल हमें

तेरे ग़ुस्से ने एक-दम में किया

मुर्दा-ए-सद-हज़ार साल हमें

दिल में मुज़्मर है मा'नी-ए-बाक़ी

किसी सूरत नहीं ज़वाल हमें

ताले-ए-बद से नय्यर-ए-'रख़्शाँ'

अपने ही घर में है विसाल हमें

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In Hindi By Famous Poet Nawab Ziauddin Khan Rakhshaan. is written by Nawab Ziauddin Khan Rakhshaan. Complete Poem in Hindi by Nawab Ziauddin Khan Rakhshaan. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.