Ghazals of Nawab Ahsan
नाम | नवाब अहसन |
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अंग्रेज़ी नाम | Nawab Ahsan |
वो लम्हे भूले नहीं रस्म-ओ-राह के अब तक
ख़मोश इस लिए हम हैं कि बात घर की है
जिसे हम ने कभी देखा नहीं है
दौलत शोहरत क़त्ल तबाही क्या क्या हैं पहचान न पूछ
अब सफ़र रात में ही करते हैं