भुला दिया है जो तू ने तो कुछ मलाल नहीं
भुला दिया है जो तू ने तो कुछ मलाल नहीं
कई दिनों से मुझे भी तिरा ख़याल नहीं
अभी अभी तो सितारे ज़मीं पे उतरे हैं
अभी से बज़्म से अपनी मुझे निकाल नहीं
है दर्द तू ही दवा तू हकीम तू ही मरीज़
तिरा कमाल यही है तिरी मिसाल नहीं
फ़क़त यक़ीन पे चलता है ज़िंदगी का सफ़र
वगर्ना कौन है जो ढो रहा सवाल नहीं
ख़मोशियों की उसे क्यूँ न इंतिहा कह दूँ
ज़बाँ ख़मोश हैं आँखों में भी सवाल नहीं
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