Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_52efe5056330a826e00236ac30a53745, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क्या बताऊँ दिल कहाँ है और किस जा दर्द है - नातिक़ लखनवी कविता - Darsaal

क्या बताऊँ दिल कहाँ है और किस जा दर्द है

क्या बताऊँ दिल कहाँ है और किस जा दर्द है

मैं सरापा दिल हूँ दिल मेरा सरापा दर्द है

ये समझ लें पहले आप ऐ हज़रत-ए-ईसा ज़रा

किस के दिल में दर्द है ये और किस का दर्द है

जो चला दुनिया से वो रक्खे हुए सीने पे हाथ

मैं समझता हूँ कि सब के दिल में तेरा दर्द है

मेरे चुप रहने से तो ग़ाफ़िल है ओ ज़ाहिर-परस्त

ज़र्फ़ भी उतना ही मैं रखता हूँ जितना दर्द है

हर तड़प पर क़ालिब-ए-मुर्दा में आ जाती है रूह

मुझ मरीज़-ए-ना-तवाँ की जान गोया दर्द है

बच गए तो इंतिहा-ए-इश्क़ में लुत्फ़ आएगा

और अभी तो इब्तिदा में इंतिहा का दर्द है

अपना अपना हाल कह लेने दो 'नातिक़' सब को तुम

जानता है वो कि किस के दिल में कितना दर्द है

(524) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Natiq Lakhnavi. is written by Natiq Lakhnavi. Complete Poem in Hindi by Natiq Lakhnavi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.