Coupletss of Natiq Gulavthi (page 2)
नाम | नातिक़ गुलावठी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Natiq Gulavthi |
न मय-कशी न इबादत हमारी आदत है
मुझ से नाराज़ हैं जो लोग वो ख़ुश हैं उन से
मुझ को मालूम हुआ अब कि ज़माना तुम हो
मिले मुराद हमारी मगर मिले भी कहीं
मिल गए तुम हाथ उठा कर मुझ को सब कुछ मिल गया
मेरे सीने में नहीं है तो ये समझो कि न था
मजनूँ से जो नफ़रत है दीवानी है तू लैला
मय को मिरे सुरूर से हासिल सुरूर था
लो जुनूँ की सवारी आ पहुँची
क्या करूँ ऐ दिल-ए-मायूस ज़रा ये तो बता
क्या इरादे हैं वहशत-ए-दिल के
कुछ नहीं अच्छा तो दुनिया में बुरा भी कुछ नहीं
किस को मेहरबाँ कहिए कौन मेहरबाँ अपना
कीजिए कार-ए-ख़ैर में हाजत-ए-इस्तिख़ारा क्या
खो दिया शोहरत ने अपनी शेर-ख़्वानी का मज़ा
ख़त्म करना चाहता हूँ पेच-ओ-ताब-ए-ज़िंदगी
खाइए ये ज़हर कब तक खाए जाती है ये ज़ीस्त
खा गई अहल-ए-हवस की वज़्अ अहल-ए-इश्क़ को
कौन इस रंग से जामे से हुआ था बाहर
कश्ती है घाट पर तू चले क्यूँ न दूर आज
कर मुरत्तब कुछ नए अंदाज़ से अपना बयाँ
कैफ़ियत-ए-तज़ाद अगर हो न बयान-ए-शे'र में
कहने वाले वो सुनने वाला मैं
जुरअत-अफ़ज़ा-ए-सवाल ऐ ज़हे अंदाज़-ए-जवाब
जो बला आती है आती है बला की 'नातिक़'
जी चुराने की नहीं शर्त दिल-ए-ज़ार यहाँ
इस ख़ाक-दान-ए-दहर में घुटता अगर है दम
इंतिज़ाम-ए-रोज़-ए-इशरत और कर ऐ ना-मुराद
हम तो मस्जिद से भी मायूस ही आए 'नातिक़'
हम पाँव भी पड़ते हैं तो अल्लाह-रे नख़वत