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नासिर शहज़ाद Ghazal In Hindi - Best नासिर शहज़ाद Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Nasir Shahzad

Ghazals of Nasir Shahzad
नामनासिर शहज़ाद
अंग्रेज़ी नामNasir Shahzad
जन्म की तारीख1937
मौत की तिथि2007

ज़िद न कर मत समय मिलन का उजाड़

यख़-बस्ता ठंडकों में उजाला जड़ा हुआ

तुझ से मिलने की इल्तिजा कैसी

तू दर्द-ए-ताज़ा के उनवान की महूरत है

तो शराफ़तों का मक़ाम है तो सदाक़तों का दवाम है

तिरे हाथ पे खेतों की मिट्टी मिरा मोतियों वाला जामा

सूरज सुर्ख़ दिशा में उतरा

सूना लगा बग़ैर तिरे मुझ को सारा घर

रुत ने रिवायत के रुख़ बदले हर मसऊद सऊद गया

रंग और रूप के प्रदीप में खोने दे मुझे

रब्त भी तोड़ा बनी नित की तलब का बेस भी

क़यास बन-बास को मुआ'नी दे

फिर लहलहा उठा समय आमों पे बौर का

पास भी रह कर दूर है तो

प्राण प्रीतम पे वार कर देखो

नस नस में नशा प्यार का मामूर हुआ है

नई-निकोर निराली पर

नैन नशे की चढ़ती नुमू पर

लोग थे क्या जो अज़लों से मुश्ताक़ हुए

खड़ा जूड़ा गुँधी बालों की चोटी

कह दे मन की बात तो गोरी काहे को शरमाती है

जल भी मिलन के कष्ट का थल भी अमीन था

हसरत-ए-अहद-ए-वफ़ा बाक़ी है

हसरत-ए-अहद-ए-वफ़ा बाक़ी है

घर वाले भी सोए हैं अभी शब भी घनी है

इक अक्स दिल के तट से बे-इख़्तियार फूटे

दो एक साल ही इक से सराही जाती है

दिल से हुसूल-ए-ज़र के सभी ज़ोम हट गए

दिल पे थी सब्त जो तहरीर मिटाई न गई

दिल मिटे प्यार की अपीलों पर

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