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नासिर शहज़ाद Couplets In Hindi - Best नासिर शहज़ाद Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Nasir Shahzad

Coupletss of Nasir Shahzad
नामनासिर शहज़ाद
अंग्रेज़ी नामNasir Shahzad
जन्म की तारीख1937
मौत की तिथि2007

याद आए तू मुझ को बहुत जब शब कटे जब पौ फटे

उम्रों के बुझते मामूरे में

तुझ से मिली निगाह तो देखा कि दरमियाँ

तुझ से बिछड़े गाँव छूटा शहर में आ कर बसे

तुझे पछाड़ न दें रौशनी में तेरे रफ़ीक़

शाह-बलूत के ऊपर देख

साँस में साजना हवा की तरह

संगत दिलों की जीवनों मरणों का इर्तिबात

क़ाएम है आबरू तो ग़नीमत यही समझ

पुस्तकों में प्रानों में अर्ज़ों में आसमानों में

फिर यूँ हुआ कि मुझ से वो यूँही बिछड़ गया

फिर मुझे मिल नदी किनारे कहीं

पाटी हैं हम ने बिफरी चनाबें तिरे लिए

पाँव के नीचे सरकती हुई रीत

नैन नचंत हैं देख के तुझ को

मजमा' नहीं मुजल्ला है अशआ'र की जगह

कुछ गुरेज़ाँ भी रहे हम ख़ुद से

खिले धान खिलखिला कर पड़े नद्दियों में नाके

जब कि तुझ बिन नहीं मौजूद कोई

हम वो लोग हैं जो चाहत में

हिजरतों में हूजुरियों के जतन

इक ख़ित्ता-ए-ख़ूँ में कहीं दरिया के किनारे

एक काटा राम ने सीता के साथ

देना मिरा संदेश सखी फिर

देखा क़द-ए-गुनाह पे जब इस को मुल्तफ़ित

दरिया पे टीकरी से परे ख़ानक़ाह थी

चौखटा दिल का यहाँ है हू-ब-हू तुझ सा कोई

अख़रोट खाएँ तापें अँगेठी पे आग आ

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