नाला-ए-दिल कमाल का निकला
उन से पहलू विसाल का निकला
दिल की चोरी की फ़ाल खोली थी
नाम उस मह-जमाल का निकला
दे गए वो जवाब साफ़ मुझे
ये नतीजा सवाल का निकला
वो ख़फ़ा थे यूँही कि ऐ क़ासिद
कुछ सबब भी मलाल का निकला
दिल लिया तेरा ऐ 'नसीम' उस ने
गाहक अच्छे ही माल का निकला