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मिरी औक़ात वो इस तरह बता देता है - नसीम अहमद नसीम कविता - Darsaal

मिरी औक़ात वो इस तरह बता देता है

मिरी औक़ात वो इस तरह बता देता है

ख़ाक ले कर के हवाओं में उड़ा देता है

मैं बहुत दूर चला जाता हूँ जब भी ख़ुद से

मेरे अंदर से कोई मुझ को सदा देता है

लाख करता रहा मैं उस को भुलाने की सई

याद रह रह के कोई उस की दिला देता है

जब भी चाहा कि उसे बढ़ के मैं फ़ौरन छू लूँ

कच्ची नींदों से कोई मुझ को जगा देता है

उस से वाबस्ता हैं कुछ ऐसी पुरानी यादें

जब भी आता है मिरी नींद उड़ा देता है

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In Hindi By Famous Poet Naseem Ahmad Naseem. is written by Naseem Ahmad Naseem. Complete Poem in Hindi by Naseem Ahmad Naseem. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.