Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_6745413573feee7744cdad2aeee942a7, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किस बुर्ज में फ़लक ने सितारे मिलाए हैं - नसीम अब्बासी कविता - Darsaal

किस बुर्ज में फ़लक ने सितारे मिलाए हैं

किस बुर्ज में फ़लक ने सितारे मिलाए हैं

दस्त-ए-शब-ए-फ़िराक़ में साए ही साए हैं

गुलज़ार-ए-ज़िंदगी के हैं गुल-दान के नहीं

ये फूल कार-ख़ाना-ए-क़ुदरत से आए हैं

ख़स्ता हुए तने तो जड़ें फूटने लगीं

पेड़ों ने अपने अपने बदन फिर उगाए हैं

सामान-ए-बूद-ओ-बाश था जंगल से शहर तक

हम अपना बोझ नफ़्स के घोड़ों पे लाए हैं

दुनिया में इतने शोर-शराबे के बावजूद

जो बोलते नहीं हैं वही अहल-ए-राय हैं

हम सर-फिरों का ज़ौक़-ए-सुकूनत न पूछिए

जब शहर तंग हो गए सहरा बसाए हैं

लगता है अपना ज़ेहन भी अपना नहीं 'नसीम'

ख़ुद-साख़्ता ख़याल भी जैसे पराए हैं

(505) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Naseem Abbasi. is written by Naseem Abbasi. Complete Poem in Hindi by Naseem Abbasi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.