Ghazals of Naseem Abbasi
नाम | नसीम अब्बासी |
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अंग्रेज़ी नाम | Naseem Abbasi |
जन्म की तारीख | 1952 |
ये बस्ती प्यार की ने'मत से ख़ाली होती जाती है
वो मेरे ज़ेहन पे इतना सवार हो गया था
तमाम उम्र मयस्सर बस एक ख़ाना हवा
मेरा तन सर से जुदा करते ही बेकल हो गया
में ऐसा ज़ौक़-ए-ज़ेबाइश ब-रू-ए-कार ले आया
किस बुर्ज में फ़लक ने सितारे मिलाए हैं
ख़मोश रह कर पुकारती है
कह गया था वो कुछ इशारे से
जिस वक़्त उस ने बख़्त हमारे बनाए थे
जहाँ जहाँ भी हवस का ये जानवर जाए
जहाँ जहाँ भी हवस का ये जानवर जाए
इतना न घूम रात को फूलों की बास में
इतना न घूम रात को फूलों की बास में
दोस्त बन कर भी कहीं घात लगा सकती है
छोटे बड़े बुरे भले दिन रात के लिए
बदन का काम थोड़ा है मगर मोहलत ज़ियादा है