गुनाहों से हमें रग़बत न थी मगर या रब
तिरी निगाह-ए-करम को भी मुँह दिखाना था
Gulzar
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Anwar Masood
Wasi Shah
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तिरा तज़्किरा सू-ब-सू क्यूँ करें हम
एक आम सी लड़की
एक एक्ट्रेस
मेरी फ़िक्र-ओ-नज़र के चेहरे पर
एहसास-ए-नशात की कमी देखोगे
कैसे बे-सोज़ लोग हो यारो
आँखों में सहर झलक रही है गोया
बिजलियों की हँसी उड़ाने को
अमृत से फ़ज़ाएँ दम-ब-दम धुलती हैं
एक क्लर्क लड़की
डूब कर पार उतर गए हैं हम