नरेश कुमार शाद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नरेश कुमार शाद
नाम | नरेश कुमार शाद |
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अंग्रेज़ी नाम | Naresh Kumar Shad |
जन्म की तारीख | 1927 |
मौत की तिथि | 1969 |
जन्म स्थान | Delhi |
ता हद्द-ए-नज़र दमक रहे हैं ज़र्रे
शो'लों के भँवर मचल रहे हों जैसे
माहौल से ज़ुल्मत की रिदा हटती है
जो महरम-ए-गुलज़ार-ए-जहाँ होते हैं
जब अहल-ए-गुलिस्ताँ को शुऊ'र आएगा
तू मिरी ज़िंदगी का परतव है
सरहद-ए-होश से गुज़रता हूँ
साक़िया साक़िया सँभाल उसे
रूह की आँच में उबाला है
रात की पुर-सुकूत ज़ुल्मत में
मेरी ग़मगीन ओ ज़र्द सूरत को
मेरी फ़िक्र-ओ-नज़र के चेहरे पर
मैं तो क्या मुझ को देखने वाला
ले के दिल दर्द पाएदार दिया
लाख काटो रगें सदाक़त की
कैसे बे-सोज़ लोग हो यारो
कैफ़ पर भी है कैफ़ का आलम
इस ग़म-ओ-यास के समुंदर में
इंतिक़ाम-ए-ग़म-ओ-अलम लेंगे
ग़म की रातों के ख़्वाब लाया हूँ
डस गई तेरी काएनात मुझे
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ
चाँदनी से धुली हुई रातें
चाँदनी रात की ख़मोशी में
एहसास-ए-नशात की कमी देखोगे
दुनिया है इरम से भी हसीं देख ज़रा
चेहरे की तब-ओ-ताब में कौंद लपके
बीते हुए लम्हों का इशारा ले कर
अमृत से फ़ज़ाएँ दम-ब-दम धुलती हैं
अल्फ़ाज़ की रग रग में रचाता हूँ लहू