तुम ने अब सीख लिया मुझ को सताए रखना

तुम ने अब सीख लिया मुझ को सताए रखना

एक महशर सा मिरे दिल में उठाए रखना

ऐसा करना कि मिरे नाम को दिल पर लिख कर

पर्दा-ए-ज़ेहन को तौक़ीर दिलाए रखना

मैं भी रक्खूँगा तुम्हें सोच के शानों पे सवार

तुम भी सीने से मिरी आस लगाए रखना

फिर उतरना है मुझे ख़्वाब की गहराई में

तुम निगाहों में कोई राह बनाए रखना

मुंतज़िर आँख को मायूस न होने देना

ख़ुद को उम्मीद के रस्ते पे बिठाए रखना

जाने कब फिर से पलट आऊँ तुम्हारी ख़ातिर

फूल एहसास के गुलशन में खिलाए रखना

अपनी आँखों का दिया मेरी जबीं पर रख कर

नाम अपना मिरी क़िस्मत में जगाए रखना

(397) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Naqqash Abidi. is written by Naqqash Abidi. Complete Poem in Hindi by Naqqash Abidi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.