Ghazals of Naqqash Abidi
नाम | नक़्क़ाश आबिदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Naqqash Abidi |
याद रखना एक दिन तेरी ज़बाँ तक आऊँगा
तुम ने अब सीख लिया मुझ को सताए रखना
तुम्हारा नाम ज़बाँ से निकल गया आख़िर
तीर जब अपनी कमानों से निकल जाते हैं
रूह मेरी अलग है जान अलग
रहनुमाओं की बात करते हो
हाथ ख़ाली सर-ए-बाज़ार लिए फिरती है
हक़ जो माँगा तो मिरे हाथ में कश्कोल दिया
हम-सफ़र याद हैं उस के जो सफ़र ख़त्म हुआ
अब तो रूठ जाने का वक़्त ही नहीं मिलता
आओ जो टूटे हुए ख़्वाब हैं तक़्सीम करें