Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_1119649c8d8b638d01a84183b49b3ac9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हवा-ए-तुंद के आगे धुआँ ठहरता नहीं - नामी अंसारी कविता - Darsaal

हवा-ए-तुंद के आगे धुआँ ठहरता नहीं

हवा-ए-तुंद के आगे धुआँ ठहरता नहीं

हमारे सर पे कभी आसमाँ ठहरता नहीं

हिसाब-ए-दर्द करूँ भी तो इस से क्या हासिल

निगाह-ए-शौक़ में हर्फ़-ए-ज़ियाँ ठहरता नहीं

न रास्ते का उन्हें इल्म है न मंज़िल का

हज़ार गर्द उड़े कारवाँ ठहरता नहीं

जहाँ पे सिक्का-ए-ज़र की खनक सुनाई न दे

फ़क़ीह-ए-शहर घड़ी भर वहाँ ठहरता नहीं

क़रीब ओ दूर ये अफ़्वाह कैसी फैल गई

किसी के घर में कोई मेहमाँ ठहरता नहीं

हवा-ए-सज्दा ने हर आस्ताँ को देख लिया

जबीन-ए-शौक़ पे कोई निशाँ ठहरता नहीं

हम अपने आप की पहचान क्या करें 'नामी'

यक़ीं पनपता नहीं है गुमाँ ठहरता नहीं

(415) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Nami Ansari. is written by Nami Ansari. Complete Poem in Hindi by Nami Ansari. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.