नामी अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नामी अंसारी
नाम | नामी अंसारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nami Ansari |
जन्म की तारीख | 1932 |
जन्म स्थान | Kanpur |
तदबीर-ए-शिफ़ा किसे बताए कोई
इक शम्अ सर-ए-राह जली ख़ैर हुई
अख़्लाक़ से हो गई आरी दुनिया
ऐ साहब-ए-ज़र अमीर-ए-आला तू कौन
अपनी पर्वाज़ को मैं सम्त भी ख़ुद ही दूँगा
अपनी पर्वाज़ को मैं सम्त भी ख़ुद ही दूँगा
ये बज़्म-ए-शब है यहाँ इल्म-ओ-आगही कम है
सोहबत-ए-शब का तलबगार न होगा कोई
रंग-ए-वहशत कम नहीं ज़ख़्म-ए-तमाशा कम नहीं
नज़र मिली थी किसी बे-ख़बर से पहले भी
मुझे कल मिला जो सर-ए-चमन वो तमाम नख़्ल-ए-शबाब सा
मिरे ख़याल से आगे तिरा निशाना पड़ा
मौज-ए-गुल बर्ग-ए-हिना आब-ए-रवाँ कुछ भी नहीं
ख़ुद आज़मा के भी दा'वे अजल के देखते हैं
ख़ाक-ए-अग़्यार से यारब मुझे पैवंद न कर
जहाँ पे डूब गया था कभी सितारा मिरा
हवा-ए-तुंद के आगे धुआँ ठहरता नहीं
हर शय वही नहीं है जो परछाइयों में है
गीत मेरे हैं मगर नूर-ए-सुख़न उस का है
घर छोड़ा बे-सम्त हुए हैरानी में
इक निगाह-ए-दिलबरी मेरी तरफ़
ऐ आबला-पा और भी रफ़्तार ज़रा तेज़