Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_aa3a54756b6722e1f19593dc2ac517e2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
आप तो घबरा गए बेताबी-ए-दिल देख कर - नख़्शब जार्चवि कविता - Darsaal

आप तो घबरा गए बेताबी-ए-दिल देख कर

आप तो घबरा गए बेताबी-ए-दिल देख कर

क्या कहेंगे बंदा-परवर अहल-ए-महफ़िल देख कर

मैं तो हूँ परवर्दा-ए-आग़ोश-ए-तूफ़ान-ए-फ़ना

ख़ुद डुबो देता हूँ कश्ती क़ुर्ब साहिल देख कर

इक निगाह-ए-लुत्फ़ की मुहताज है तामीर-ए-इश्क़

आप क्यूँ घबरा गए टूटा हुआ दिल देख कर

वो भी 'नख़शब' बे-ख़ुदी-ए-दिल से आसाँ हो गया

दर्द जो बख़्शा गया था हम को मुश्किल देख कर

(391) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Nakhshab Jaarchawi. is written by Nakhshab Jaarchawi. Complete Poem in Hindi by Nakhshab Jaarchawi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.