Ghazals of Najmus Saqib
नाम | नज्मुस्साक़िब |
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अंग्रेज़ी नाम | Najmus Saqib |
जन्म की तारीख | 1960 |
यक़ीं के बाद ये देखा कि फिर गुमाँ टूटे
वही मोहतरम रहे शहर में जो तफ़ावुतों में लगे रहे
तेरी सम्त जाने के रास्तों में ज़िंदा हूँ
सोचों से इन ख़्वाबों की ज़ंजीरें कब उतरेंगी
शब को आँखों में ठहरते कोई कब तक देखे
समझ लिए भी जो हालात कुछ नहीं होगा
कोई है जो ग़म नहीं झेलता किसे हर नफ़स में सुकून है
किसी ख़मोशी का ज़हर जब इक मुकालमे की तरह से चुप था
झील में बहते फूल कँवल के झूटे थे
हुनूज़ रात है जलना पड़ेगा उस को भी
बदन को जाँ से जुदा हो के ज़िंदा रहना है
अना की क़ैद से निकले मुक़ाबला तो करे
अच्छा सा इख़्तिताम भी तुम से न हो सका