नजीब अहमद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नजीब अहमद (page 2)
नाम | नजीब अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Najeeb Ahmad |
जन्म की तारीख | 1947 |
निशाँ किसी को मिलेगा भला कहाँ मेरा
नाव ख़स्ता भी न थी मौज में दरिया भी न था
मौत से ज़ीस्त की तकमील नहीं हो सकती
कुछ इस के सिवा ख़्वाहिश-ए-सादा नहीं रखते
किरन तो घर के अंदर आ गई थी
कि ख़ुद इंसान ढलता जा रहा है
ख़ेमा-ए-जाँ की तनाबों को उखड़ा जाना था
इश्क़-आबाद फ़क़ीरों की अदा रखते हैं
हम अपने घर से ब-रंग-ए-हवा निकलते हैं
हर-चंद जैसा सोचा था वैसा नहीं हुआ
इक वहम की सूरत सर-ए-दीवार-ए-यक़ीं हैं
इक रंज-ए-उम्र दे के चला है किधर मुझे
एक मेरी जाँ में और इक लहर सहराओं में थी
दिल को हर गाम पे धड़के से लगे रहते हैं
बदन से जाँ निकलना चाहती है
अंधे बदन में ये सहर-आसार कौन है
ऐ मह-ए-हिज्र क्या कहें किसी थकन सफ़र में थी
आसमानों से ज़मीनों पे जवाब आएगा
आसमाँ सूरज सितारे बहर-ओ-बर किस के लिए