नईम सिद्दीक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नईम सिद्दीक़ी
नाम | नईम सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Naim Siddiqi |
शब कितनी बोझल बोझल है हम तन्हा तन्हा बैठे हैं
निशाँ तो तेरे चलने से बनेंगे
ये शाख़-ए-हुनर अपनी जो गुल-ए-रेज़ रही है
कुछ हुस्न-ए-वफ़ा के दीवाने फिर इश्क़ की राह में काम आए