Ghazals of Nafas Ambalvi
नाम | नफ़स अम्बालवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nafas Ambalvi |
जन्म की तारीख | 1961 |
जन्म स्थान | Amabala,Haryana |
यूँ तो ख़ुद अपने ही साए से भी डर जाते हैं लोग
यूँ नहीं था कि तीरगी कम थी
वो मेरा दोस्त है और मुझ से वास्ता भी नहीं
उम्र-भर दर्द के रिश्तों को निभाने से रहा
सर-बरहना भरी बरसात में घर से निकले
सहरा में जो मिला था मुझे इतना याद है
न जाने कब की दबी तल्ख़ियाँ निकल आईं
मिलते हैं मुस्कुरा के अगरचे तमाम लोग
मज़हबी चिंगारियों से बस्तियाँ जल जाएँगी
कौन सी शाख़ का पत्ता था हरा भूल गया
जुनूँ है ज़ेहन में तो हौसले तलाश करो
जो दश्त में मिला था मुझे इतना याद है
इतनी मुश्किल में कभी पहले तो जाँ आई न थी
हम पे वो मेहरबान कुछ कम है
हम आज अपना मुक़द्दर बदल के देखते हैं
घर किसी का भी हो जलता नहीं देखा जाता
इक शो'ला-ए-हसरत हूँ मिटा क्यूँ नहीं देते
धूप थी सहरा था लेकिन जिस्म का साया न था
बे-लौस मोहब्बत का सिला ढूँढ रहा हूँ
अगर चराग़ भी आँधी से डर गए होते
अब किसी को क्या बताएँ किस क़दर नादान थे