Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f1365a124bec765626a4514ffa3e215f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नफ़स अम्बालवी Couplets In Hindi - Best नफ़स अम्बालवी Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Nafas Ambalvi

Coupletss of Nafas Ambalvi
नामनफ़स अम्बालवी
अंग्रेज़ी नामNafas Ambalvi
जन्म की तारीख1961
जन्म स्थानAmabala,Haryana

ज़िंदगी वक़्त के सफ़्हों में निहाँ है साहब

ज़ख़्म अभी तक ताज़ा हैं हर दाग़ सुलगता रहता है

ये इश्क़ के ख़ुतूत भी कितने अजीब हैं

वो भीड़ में खड़ा है जो पत्थर लिए हुए

उठा लाया किताबों से वो इक अल्फ़ाज़ का जंगल

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है

तू दरिया है तो होगा हाँ मगर इतना समझ लेना

तारीकियाँ क़ुबूल थीं मुझ को तमाम उम्र

सारी गवाहियाँ तो मिरे हक़ में आ गईं

निगाहों के मनाज़िर बे-सबब धुंधले नहीं पड़ते

मिलते हैं मुस्कुरा के अगरचे तमाम लोग

मिरे ख़याल की पर्वाज़ बस तुम्हीं तक थी

मरने को मर भी जाऊँ कोई मसअला नहीं

जब भी उस दीवार से मिलता हूँ रो पड़ता हूँ मैं

इस शहर में ख़्वाबों की इमारत नहीं बनती

इंकार कर रहा हूँ तो क़ीमत बुलंद है

हमें दुनिया फ़क़त काग़ज़ का इक टुकड़ा समझती है

हमारी ज़िंदगी जैसे कोई शब भर का जल्सा है

हमारी राह से पत्थर उठा कर फेंक मत देना

अपने दराज़-क़द पे बहुत नाज़ था जिन्हें

अब उन की ख़्वाब-गाहों में कोई आवाज़ मत करना

अब तक तो इस सफ़र में फ़क़त तिश्नगी मिली

अब कहाँ तक पत्थरों की बंदगी करता फिरूँ

नफ़स अम्बालवी Couplets in Hindi - Read famous नफ़स अम्बालवी Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet नफ़स अम्बालवी. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet नफ़स अम्बालवी. नफ़स अम्बालवी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.