मोहब्बत में ख़ुदा भी मुब्तला है
मोहब्बत ज़िंदगी है
मोहब्बत दिल की तीरा साअ'तों में रौशनी है
ये वीरानों में ख़ुद-रौ नग़्मगी है
मोहब्बत जुरअत-ए-इज़हार है किरदार है
मोहब्बत दीदा-ए-बेदार है पिंदार है
ईसार है
मोहब्बत जान देती है
मोहब्बत मान देती है
मोहब्बत बे-निशाँ रिश्तों को भी पहचान देती है
मोहब्बत अक़्ल भी है
मोहब्बत मावरा-ए-अक़्ल भी है
मोहब्बत हिज्र भी है वस्ल भी है
मोहब्बत पेश-रफ़्त-ए-नस्ल भी है
मोहब्बत ज़ख़्म पर मरहम
मोहब्बत सर-बसर तरह्हुम
मोहब्बत मोहतरम सच का इल्म ज़ोर-ए-क़लम
मोहब्बत काविश-ए-पैहम
मोहब्बत राज़ यज़्दाँ खोलती है
मोहब्बत ज़र्फ़-ए-आदम तोलती है
मोहब्बत ख़ामुशी में बोलती है
मोहब्बत आरज़ू है जुस्तुजू है रंग-ओ-बू है
मोहब्बत जीत कर मिटने की ख़ू है
मोहब्बत हार कर भी सुर्ख़-रू है
मोहब्बत इब्तिदा है इंतिहा है
मोहब्बत बाइ'स-ए-अर्ज़-ओ-समा है
मोहब्बत में ख़ुदा भी मुब्तला है
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