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अब के मौसम में तिरा शहर वो कैसा होगा - नईम सरमद कविता - Darsaal

अब के मौसम में तिरा शहर वो कैसा होगा

अब के मौसम में तिरा शहर वो कैसा होगा

मेरी मर्ज़ी के बिना चाँद निकलता होगा

कैसे कह दूँ कि मुझे किस ने हैं बरबाद किया

अपना आया हो मिरी बात से रुख़्सत होगा

ये कोई बात है जो तुझ को बताई जाए

शाम के वक़्त उदासी का सबब क्या होगा

अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना

अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा

तुझ से मिलने की कई दिन से तमन्ना है मुझे

तू कभी जिस्म से बाहर तो निकलता होगा

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In Hindi By Famous Poet Naeem Sarmad. is written by Naeem Sarmad. Complete Poem in Hindi by Naeem Sarmad. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.