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उस ने भी ख़ुद को बे-कनार किया - नईम रज़ा भट्टी कविता - Darsaal

उस ने भी ख़ुद को बे-कनार किया

उस ने भी ख़ुद को बे-कनार किया

जिस का साहिल ने इंतिज़ार किया

आइने में सुलग रहा था लहू

फिर भी हैरत का दिल शुमार किया

कोरा होने से पेशतर मैं ने

एक इक रंग इख़्तियार किया

मेरी दीवानगी भरोसा रख

मैं ने पानी को भी ग़ुबार किया

मैं कहीं भी पहुँच नहीं पाया

क्यूँकि साए को रहगुज़ार किया

तुम भी मसरूफ़ हो रहे हो 'रज़ा'

तुम ने भी इश्क़ इख़्तियार किया

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In Hindi By Famous Poet Naeem Raza Bhatti. is written by Naeem Raza Bhatti. Complete Poem in Hindi by Naeem Raza Bhatti. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.