क्यूँ मैं बार-ए-दिगर जाऊँ

क्यूँ मैं बार-ए-दिगर जाऊँ

फिर से उस के दर जाऊँ

तुझ आँखों से जहाँ देखूँ

बे-रंगी से डर जाऊँ

तू चाहे तो जी उठ्ठूँ

तू चाहे तो मर जाऊँ

मैं बे-अंत समुंदर हूँ

कैसे दरिया में उतर जाऊँ

चादर-ए-शब हूँ मैं तेरी

तू ओढ़े तो सँवर जाऊँ

ख़्वाब न देखूँ तो 'अम्बर'

शायद मैं भी मर जाऊँ

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In Hindi By Famous Poet Nadiya Ambar Lodhi. is written by Nadiya Ambar Lodhi. Complete Poem in Hindi by Nadiya Ambar Lodhi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.