ऐ बुत हैं हुस्न में तिरी मशहूर पिंडलियाँ

ऐ बुत हैं हुस्न में तिरी मशहूर पिंडलियाँ

ऐसी कहाँ से लाए परी हूर पिंडलियाँ

मुमकिन नहीं कि यूँ तो किसी की नज़र पड़े

खुल जाएँ नींद में तो हैं मा'ज़ूर पिंडलियाँ

बेदारियों में आईं नज़र ये तो है मुहाल

मख़्फ़ी हैं वक़्त-ए-ख़्वाब ब-दस्तूर पिंडलियाँ

ताबाँ मिसाल-ए-शम्अ हैं फ़ानूस-ए-नूर से

हर-चंद पाइचों में हैं मस्तूर पिंडलियाँ

ऐ 'नादिर' उन के हुस्न की तारीफ़ क्या लिखूँ

शम-ए-लगन से बढ़ के हैं पुर-नूर पिंडलियाँ

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In Hindi By Famous Poet Nadir Lakhnavi. is written by Nadir Lakhnavi. Complete Poem in Hindi by Nadir Lakhnavi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.