Ghazals of Nadir Lakhnavi
नाम | नादिर लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nadir Lakhnavi |
तशरीफ़ शब-ए-वा'दा जो वो लाए हुए हैं
सर कटा कर सिफ़त-ए-शम्अ' जो मर जाते हैं
रूह तन्हा गई जन्नत को सुबुक-सारी से
फूलों को अपने पाँव से ठुकराए जाते हैं
कोई परी हो अगर हम-कनार होली में
दिल मुझे कुफ़्र आश्ना न करे
दिल आँखों से आशिक़ बचाए हुए हैं
ऐ बुत हैं हुस्न में तिरी मशहूर पिंडलियाँ