नादिर लखनवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नादिर लखनवी
नाम | नादिर लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nadir Lakhnavi |
तिरी तारीफ़ हो ऐ साहिब-ए-औसाफ़ क्या मुमकिन
फिर न बाक़ी रहे ग़ुबार कभी
नाव काग़ज़ की तन-ए-ख़ाकी-ए-इंसाँ समझो
न ख़ंजर उठेगा न तलवार इन से
हो गए राम जो तुम ग़ैर से ए जान-ए-जहाँ
हैं दीन के पाबंद न दुनिया के मुक़य्यद
दरिया-ए-शराब उस ने बहाया है हमेशा
तशरीफ़ शब-ए-वा'दा जो वो लाए हुए हैं
सर कटा कर सिफ़त-ए-शम्अ' जो मर जाते हैं
रूह तन्हा गई जन्नत को सुबुक-सारी से
फूलों को अपने पाँव से ठुकराए जाते हैं
कोई परी हो अगर हम-कनार होली में
दिल मुझे कुफ़्र आश्ना न करे
दिल आँखों से आशिक़ बचाए हुए हैं
ऐ बुत हैं हुस्न में तिरी मशहूर पिंडलियाँ