हिज्र हूँ पूरा हिज्र हूँ इश्क़ विसाल करे
हिज्र हूँ पूरा हिज्र हूँ इश्क़ विसाल करे
दिल की धड़कन ताल हो जिस्म धमाल करे
देखूँ उस की चाँदनी चाँद से भी शफ़्फ़ाफ़
और सुनहरी रौशनी अपना जमाल करे
गंदुम जैसे रंग पर काली चादर तान
गीतों जैसी ज़िंदगी बे-सुर-ताल करे
मंज़र से जो दूर हैं उन पर करे निगाह
ध्यान से पहले देखना वही कमाल करे
उस का इक पल देखना, उस पर दरूद सलाम
हिज्र भरी जो ज़िंदगी ऐन विसाल करे
अपना मुझ को रूप दे, अपना आशिक़ हो
जो भी उस का हाल है मेरा हाल करे
सारे सवाल आसान हैं मुश्किल एक जवाब
हम भी एक जवाब हैं कोई सवाल करे
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