नबील अहमद नबील कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नबील अहमद नबील
नाम | नबील अहमद नबील |
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अंग्रेज़ी नाम | Nabeel Ahmad Nabeel |
ज़िंदगी तेरी तमन्ना में बसर हो जाए
ये कैसा कार-ए-दुनिया हो रहा है
ये हादिसा भी सर-ए-रहगुज़ार होना था
वो हैं तय्यार इमारत को गिराने वाले
वो एक शख़्स ब-अंदाज़-ए-महरमाना मिला
तुम ने किया है तुम ने इशारा बहुत ग़लत
तू न आएगा मुझे जब से यक़ीं आ गया है
तिनके का हाथ आया सहारा ग़लत ग़लत
तेरी तलाश तेरी तमन्ना तो मैं भी हूँ
तिरी तलाश में है साएबान भी हम भी
तेरी ख़्वाहिश न जब ज़ियादा थी
तय हुआ है उस तरफ़ की रहगुज़र का जागना
सूरत-ए-गुल कभी ज़ुल्फ़ों में सजा कर ले जाए
सौ उलझनों के बीच गुज़ारा गया मुझे
सर झुका कर शाह के दरबार में
ले के हाथों में मोहब्बत के गुहर आए हैं
लहू की आँच जैसा हो रहा है
किसी को ख़ार किसी साँस को बबूल किया
किस तरह बनाएँ हम अपना ये मकाँ यारो रेत इस नगर की है ईंट इस नगर की है
किरन किरन ये किसी दीदा-ए-हसद में है
कहीं जो अज़्म ज़रा हौसला निकल आए
जो नक़्श मिट चुका है बनाना तो है नहीं
जलन के ख़ौफ़ से बाहर निकल सको तो चलो
जब से उम्मीद बाँधी पत्थर पर
हम को ये डर है कि इम्कान किसी और का है
हज़ार कोशिश-ए-पैहम के बावजूद हमें
हरे हैं ज़ख़्म कुछ इस तरह भी मिरे सर के
हर क़दम पाँव में हैं अंगारे
हर एक ज़ख़्म की शिद्दत को कम किया जाता
हर बदन को अब यहाँ ऐसा गहन लगने लगा