Ghazals of Muzdam Khan
नाम | मुज़दम ख़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Muzdam Khan |
सिर्फ़ पटरी बनी रही मुझ में
मुसाफ़िर को सफ़र का मसअला है
मुझे बताएँ कि टेंशन क्या है
मौत की कब रुकी है गाड़ी दोस्त
कोई भी इश्क़ में उतनी ही देर टिकता है
घुस घुसा कर सही रवाँ तो है
चश्म का कर रहा हूँ तर तब्दील
अगर कहने से पहले हो रहा है
आदमी आदमी के बस का नहीं