Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_fa91db816ea147bcee841b71b98c0506, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तूफ़ान-ए-बला से जो मैं बच कर गुज़र आया - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी कविता - Darsaal

तूफ़ान-ए-बला से जो मैं बच कर गुज़र आया

तूफ़ान-ए-बला से जो मैं बच कर गुज़र आया

वो पूछ के सहरा से पता मेरे घर आया

आग़ाज़-ए-तमन्ना हो कि अंजाम-ए-तमन्ना

इल्ज़ाम बहर-ए-हाल हमारे ही सर आया

इस में तो कोई दिल की ख़ता हो नहीं सकती

जब आँख लगी आप का चेहरा नज़र आया

बस्ती में मिरी कज-कुलही जुर्म हुई है

देखूँगा अगर अब कोई पत्थर इधर आया

आया तिरी महफ़िल में जो भूले से मिरा नाम

आँखों में ज़माने की वहीं ख़ून उतर आया

ऐसा भी कहीं तर्क-ए-तअल्लुक़ में हुआ है

नामा कोई आया न कोई नामा-बर आया

फ़न है वो समुंदर कि किनारा नहीं जिस का

डूबा हूँ 'मुज़फ़्फ़र' तो मिरा नाम उभर आया

(411) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Muzaffar Hanfi. is written by Muzaffar Hanfi. Complete Poem in Hindi by Muzaffar Hanfi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.