मुज़फ्फ़र अहमद मुज़फ्फ़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुज़फ्फ़र अहमद मुज़फ्फ़र
नाम | मुज़फ्फ़र अहमद मुज़फ्फ़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Muzaffar Ahmad Muzaffar |
शरीक-ए-रस्म-ए-गिर्या हैं समुंदर-आश्ना आँखें
मोहब्बत दिल पे करती है असर आहिस्ता आहिस्ता
कोई महरूम-ए-मोहब्बत न रहा मेरे बा'द
ख़ुद तमाशा बन गई चश्म-ए-तमाशाई कि बस
जो लज़्ज़त-ए-आशना-ए-दर्द-ए-हिज्राँ होते जाते हैं
हम तल्ख़ी-ए-हयात को आसाँ न कर सके
इक तू ही नहीं नासिया-फ़रसा मिरे आगे
बार-ए-ख़ातिर हुई ये उम्र-ए-गुरेज़ाँ जानाँ
ऐ दोस्त मुझे सोज़-ए-निहाँ मार न डाले
आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहाराँ नहीं जीने देती