Ghazals of Mustafa Zaidi
नाम | मुस्तफ़ा ज़ैदी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Mustafa Zaidi |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1970 |
जन्म स्थान | Karachi |
''ज़बान-ए-ग़ैर से क्या शरह-ए-आरज़ू करते''
यूँ तो वो हर किसी से मिलती है
वो अहद अहद ही क्या है जिसे निभाओ भी
तेरे चेहरे की तरह और मिरे सीने की तरह
तरी तलाश में हर रहनुमा से बातें कीं
सीने में ख़िज़ाँ आँखों में बरसात रही है
सहर जीतेगी या शाम-ए-ग़रीबाँ देखते रहना
रोकता है ग़म-ए-इज़हार से पिंदार मुझे
क़दम क़दम पे तमन्ना-ए-इल्तिफ़ात तो देख
नगर नगर मेले को गए कौन सुनेगा तेरी पुकार
लोगों की मलामत भी है ख़ुद दर्द-सरी भी
क्या क्या नज़र को शौक़-ए-हवस देखने में था
क्या क्या नज़र को शौक़-ए-हवस देखने में था
कोई रफ़ीक़ बहम ही न हो तो क्या कीजे
किसी तो काम ज़माने के सोगवार आए
किसी और ग़म में इतनी ख़लिश-ए-निहाँ नहीं है
कफ़-ए-मोमिन से न दरवाज़ा-ए-दौराँ से मिला
कभी झिड़की से कभी प्यार से समझाते रहे
जिस दिन से अपना तर्ज़-ए-फ़क़ीराना छुट गया
जब हवा शब को बदलती हुई पहलू आई
इस क़दर अब ग़म-ए-दौराँ की फ़रावानी है
हुई ईजाद नई तर्ज़-ए-ख़ुशामद कि नहीं
हर तरफ़ इम्बिसात है ऐ दिल
हर इक ने कहा क्यूँ तुझे आराम न आया
गिर्या तो अक्सर रहा पैहम रहा
ग़म-ए-दौराँ ने भी सीखे ग़म-ए-जानाँ के चलन
फ़नकार ख़ुद न थी मिरे फ़न की शरीक थी
दर्द-ए-दिल भी ग़म-ए-दौराँ के बराबर से उठा
चले तो कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता आहिस्ता
बुज़ुर्गो, नासेहो, फ़रमाँ-रवाओ