मुस्तफ़ा ज़ैदी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुस्तफ़ा ज़ैदी
नाम | मुस्तफ़ा ज़ैदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Mustafa Zaidi |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1970 |
जन्म स्थान | Karachi |
यूँ तो अक्सर ख़याल आता था
वक़्त के साथ लोग कहते थे
उस को किरनों ने दी है ताबानी
उस के चेहरे का अक्स पड़ता है
सुन के लोगों के ज़हर से फ़िक़रे
सिर्फ़ कह दूँ कि नाव डूब गई
मुझ को चुप-चाप इस तरह मत देख
मुद्दतों कोर-निगाही दिल की
मेरी आँखों में नींद चुभती है
क्या ख़बर आज तेरी आँखों में
कोई साग़र में देखता है फ़रार
काश हम लोग लड़ गए होते
अल्लाह अल्लाह ये लर्ज़िश-ए-मिज़्गाँ
उतरा था जिस पे बाब-ए-हया का वरक़ वरक़
तितलियाँ उड़ती हैं और उन को पकड़ने वाले
रूह के इस वीराने में तेरी याद ही सब कुछ थी
नावक-ए-ज़ुल्म उठा दशना-ए-अंदोह सँभाल
मिरी रूह की हक़ीक़त मिरे आँसुओं से पूछो
मैं किस के हाथ पे अपना लहू तलाश करूँ
ख़ुद अपने शब-ओ-रोज़ गुज़र जाएँगे लेकिन
जिस दिन से अपना तर्ज़-ए-फ़क़ीराना छुट गया
इश्क़ इन ज़ालिमों की दुनिया में
इस तरह होश गँवाना भी कोई बात नहीं
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
ग़म-ए-दौराँ ने भी सीखे ग़म-ए-जानाँ के चलन
इक मौज-ए-ख़ून-ए-ख़ल्क़ थी किस की जबीं पे थी
दिल के रिश्ते अजीब रिश्ते हैं
आँख झुक जाती है जब बंद-ए-क़बा खुलते हैं
याद
वफ़ा कैसी?