एक दिल
जो मेरा मस्कन था
मुझे वहाँ से
दिल-ब-दर कर दिया गया
उसी लड़की के हुक्म पर
जिस का वो दिल था
उसे मुझ से मोहब्बत थी
इसी लिए
वो अपने हमराह
मुझे ले जाना नहीं चाहती थी
दिल-बदरी के बाइ'स
मैं उस के साथ
दफ़्न नहीं हो सका
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एक उदास नज़्म
दहकती हुई याद
गाली
बोझ
कोमल जज़्बे
मेरा लम्स
शाइ'र
तुम्हें ग़ुस्सा आता है
मेरे पास बहुत सी बातें हैं
मैं ने जो चाहा
बयान
तुम ख़ूबसूरत हो