हम
बहुत छोटे हैं
हमारे ख़्वाब
हम से भी छोटे हैं
हमें मुमानअ'त की जाती है
ख़ुद से बड़ा ख़्वाब देखने की
इतने छोटे हैं
कि हम भी
उन में दाख़िल नहीं हो सकते
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Anwar Masood
Allama Iqbal
Javed Akhtar
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कोमल जज़्बे
बयान
बोझ
मैं ने जो चाहा
हालत-ए-जंग में मज़दूरी
मेरे पास बहुत सी बातें हैं
ज़बान
गाली
आरा मशीन का कारीगर
तुम जो चाहो कर सकती हो
दहकती हुई याद